Blog

चला आया हूँ बहुत दूर ,

चला आया हूँ बहुत दूर ,
अब दो घड़ी बैठना चाहता हूँ …..
थक गया हूँ , रुक कर ,
एक भरी साँस लेना चाहता हूँ ।

है हक़ मुझे भी थकने का,
पर मेरे हौंसले , कम्बख़्त …
थकने की इजाज़त नहीं देते ।।

// सुयश

Comments for this post are closed.